MuhAvarE_मुहावरे - घ

MuhAvarE_मुहावरे - घ

     मुहावरे भाषा को सुदृढ़, गतिशील और रुचिकर बनाते हैं। उनके प्रयोग से भाषा में चित्रमयता आती है, जैसे- अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना, दाँतों तले उँगली दबाना, रंगा सियार होना। 'मुहावरा' अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है बातचीत करना या उत्तर देना। कुछ लोग मुहावरे को 'रोज़मर्रा', 'बोलचाल', 'तर्ज़ेकलाम' या 'इस्तलाह' कहते हैं। यूनानी भाषा में 'मुहावरे' को 'ईडियोमा', फ्रेंच में 'इडियाटिस्मी' और अँगरेजी में 'इडिअम' कहते हैं।

घंटा दिखाना : आवेदक या याचक को कोई वस्तु न देना, उसे निराश कर देना।

घट-घट में बसना : हर एक मनुष्य के हृदय में रहना।

घड़ियाँ गिनना : बहुत उत्कंठा के साथ प्रतीक्षा करना, मरणासन्न होना।

घड़ों पानी पड़ना : दूसरों के सामने हीन सिद्ध होने पर अत्यंत लज्जित होना।

घपले में पड़ना : किसी काम का खटाई में पड़ना।

घमंड में चूर होना : अत्यधिक अभिमान होना।

घर करना : बसना, रहना, निवास करना, जमना, बैठना।

घर का न घाट का : बेकाम, निकम्मा।

घर फूंककर तमाशा देखना : घर की दौलत उड़ाकर मौज करना।

घर में भूंजी भाँग न होना : घर में कुछ धन-दौलत न होना, अकिंचन होना, अत्यंत निर्धन होना।

घाट-घाट का पानी पीना : अनेक स्थलों का अनुभव प्राप्त करना। देश-देशान्तर के लोगों की जीवनचर्या की जानकारी प्राप्त करना।

घात में रहना : किसी को हानि पहुँचाने के लिए अनुकूल अवसर ढूँढते फिरना।

घाव पर नमक छिड़कना : दुख पर दुख देना, दुखी व्यक्ति को और यंत्रणा देना।

घाव पर मरहम रखना : सांत्वना देना, तसल्ली बंधाना।

घाव हरा होना : भूला हुआ दुख फिर याद आ जाना।

घास न डालना : प्रोत्साहन न देना, सहायता न करना।

घिग्घी बँध जाना : भय, क्षोभ या अन्य किसी संवेग के कारण मुंह से बोली न निकलना, कण्ठावरोध होना।

घी का चिराग जलाना : कार्य सिद्ध होने पर आनंद मनाना, प्रसन्न होना।

घी-खिचड़ी होना : आपस में अत्यधिक मेल होना।

घुट-घुट कर मरना : पानी या हवा के न मिलने से असह्य कष्ट भोगते हुए मरना।

घुटा हुआ : बहुत चालाक, धूर्त, छंटा हुआ बदमाश।

घुन लगना : शरीर का अंदर-अंदर क्षीण होना, चिंता होना।

घुल-मिल जाना : एक हो जाना।

घूंघट का पट खोलना : अज्ञान का परदा दूर करना।

घोड़ा बेंचकर सोना : खूब निश्चिंत होकर सोना।


घोलकर पी जाना : किसी चीज का अस्तित्व न रहने देना।